ठंढी आँहे यूँ भरते हो मियाँ |
दिल में कुछ छिपा है लब्जे बयां भी कर दो ||
चहरे पर हँसी लिए फिरते हो मियाँ |
आँखों की सुरखियों को लब्जो की सकल भी दे दो ||
यूँ ना छिपाओ मुझसे साँसे बयाँ जो कर रही |
निन्दो का यूँ रूठ जाना, तन्हाईयो में भी मुस्कुराना |
यादो की बादलो का घेर आना, आँसुओ की बुन्दो का रह रह कर आना |
सब कुछ बयाँ तो कर रही ||
Thursday, March 11, 2010
Aap To Aise Na The
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